सोमवार, 25 अगस्त 2014

नभ में मेघा छाए

माहिया - सुदर्शन रत्नाकर

1
लो सावन आया है
बिन माँगे ही वो
सौग़ातें लाया है ।
2
जब मेघ बरसता है
मन साँवरिया से
मिलने को तरसता है ।
3
बूँदें जब गिरती हैं
प्यास बुझाने को
आकुल हो फिरती हैं
4
सावन तो आया है
मेघ नहीं बरसे
जीवन मुरझाया है ।
5
नभ में मेघा छाए
नाचे मन  हर पल
तुम जो अँगना आए
-0-

8 टिप्‍पणियां:

ज्योति-कलश ने कहा…

सावन पर सुन्दर माहिया ...सादर नमन !

Pushpa mehra ने कहा…

b varsha ke man ka pyar bhara bhav ,mahiya ke madhyam se bahut sunder darshaya hai . sudershan ji apko badhai.
pushpa mehra.

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

sundar

Manju Gupta ने कहा…

मनभावन माहिया सावन के
सुदर्शन जी बधाई

Shashi Padha ने कहा…

आदरणीय सुदर्शन जी,

भीगा सा सावन है
धरती से पूछो
उसका मनभावन है |

सभी माहिया सुन्दर | बधाई |

शशि पाधा

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सुन्दर सावनी माहिया !

~सादर
अनिता ललित

Jyotsana pradeep ने कहा…

bahut sunder mahiya....sadar naman ke saath -saath badhai.

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

सावन तो आया है
मेघ नहीं बरसे
जीवन मुरझाया है ।
इस बार का सच है इस माहिया में...बहुत अच्छे माहिया हैं...|
बधाई...|