tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post6524756148814097425..comments2024-03-29T02:11:17.472+11:00Comments on त्रिवेणी: चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें-Unknownnoreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-50828406838293281382012-06-07T04:36:57.921+10:002012-06-07T04:36:57.921+10:00लेखन की इस विधा से काम्बोज भाई ने ही परिचय कराया ह...लेखन की इस विधा से काम्बोज भाई ने ही परिचय कराया है. सभी माहिया बहुत सुन्दर और अनुपम. बहुत खूबसूरत बिम्ब...<br /> <br />ये भोर सुहानी है<br />चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें<br />सूरज सैलानी है<br /><br />शुभकामनाये.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-38347220460077968282012-05-27T23:36:39.024+10:002012-05-27T23:36:39.024+10:00बहुत सुंदर रचनायें हैं
सादर .
शुभकामनायें.बहुत सुंदर रचनायें हैं<br />सादर .<br />शुभकामनायें.Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-52594951560494765432012-05-24T11:23:29.853+10:002012-05-24T11:23:29.853+10:00सभी माहिया एक से बढ़कर एक! रामेश्वर कंबोज जी की स...सभी माहिया एक से बढ़कर एक! रामेश्वर कंबोज जी की सशक्त लेखनी ने अत्यंत सुंदर बिंब उकेरे हैं और भावों की गहराई को बहुत खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है! निम्न तीन माहिया तो लाजवाब हैं -<br /><br />1.<br />ये भोर सुहानी है<br />चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें<br />सूरज सैलानी है<br /><br />2.<br />आँसू जब बहते हैं<br />कितना दर्द भरा<br />सब कुछ वे कहते हैं <br /><br />३.<br />यह बहुत मलाल रहा <br />बहरों से अपना<br />क्यों था सब हाल कहाsushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-66440324515516369412012-05-24T11:19:24.083+10:002012-05-24T11:19:24.083+10:00सभी माहिया एक से बढ़कर एक! आपकी सश्क्त लेखनी ने ब...सभी माहिया एक से बढ़कर एक! आपकी सश्क्त लेखनी ने बहुत ही सुंदर बिंबो और मनोभावों को उकेरा है। निम्न तीन माहिया का तो जवाब नहीं -<br /><br />"ये भोर सुहानी है<br />चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें<br />सूरज सैलानी है<br />2.<br />आँसू जब बहते हैं<br />कितना दर्द भरा<br />सब कुछ वे कहते हैं <br />3.<br />यह बहुत मलाल रहा <br />बहरों से अपना<br />क्यों था सब हल कहा ...sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-41624900910282933972012-05-19T15:33:09.003+10:002012-05-19T15:33:09.003+10:00यह बहुत मलाल रहा
बहरों से अपना
क्यों था सब हल कहा...यह बहुत मलाल रहा <br />बहरों से अपना<br />क्यों था सब हल कहा ...<br />सभी माहिए एक से बढ़कर एक ...बहुत सरल दिल को छु गए ...पर इस माहिए में हल'की जगह `हाल' कहा होना चाहिए शायद टाइपिंग की गलती है....<br />सुन्दर भावपूर्ण लेखन के लिए हिमांशु जी को बधाई ...<br /><br /> डा. रमा द्विवेदीRamahttps://www.blogger.com/profile/10010943809475838010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-76878517387800901172012-05-19T01:39:39.173+10:002012-05-19T01:39:39.173+10:00यह बहुत मलाल रहा
बहरों से अपना
क्यों था सब हल कहा...यह बहुत मलाल रहा <br />बहरों से अपना<br />क्यों था सब हल कहा ...<br />बहुत बड़ा सच कह दिया अपने इन चंद शब्दों में..जहाँ सब अपनी अपनी ही सुनते हों वहाँ कुछ कहना बेमानी है... अगर ग़लती से कह भी दिया तो बस दिल में मलाल ही रह जाता है... नाहक ही अपना दर्द पराया किया....<br />सादर<br />मंजुAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-4466113020457992012012-05-12T22:58:37.369+10:002012-05-12T22:58:37.369+10:00बहुत सुंदर माहिया पढने को मिले .रामेश्वर काम्बोज &...बहुत सुंदर माहिया पढने को मिले .रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी के !<br /> भावों को बहुत खूबसूरती से उकेरा है माहिया में ...सूरज सैलानी हमें भी जगह जगह घुमा लाया ..बहुत ह़ी सुंदर प्रस्तुति !Dr saraswati Mathurnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-72025203937667664972012-05-11T16:22:47.235+10:002012-05-11T16:22:47.235+10:00आदरणीय काम्बोज जी की सशक्त कलम से निकले इतने अच्छे...आदरणीय काम्बोज जी की सशक्त कलम से निकले इतने अच्छे और गहन भाव लिए हुए माहिया पढ़वाने का आभार...।<br /><br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-11133239788624558142012-05-11T13:36:51.577+10:002012-05-11T13:36:51.577+10:00ये भोर सुहानी है
चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें
सूरज सैलानी...ये भोर सुहानी है<br />चिड़ियाँ मन्त्र पढ़ें<br />सूरज सैलानी है<br />2.<br />आँसू जब बहते हैं<br />कितना दर्द भरा<br />सब कुछ वे कहते हैं <br />3.<br />मन-आँगन सूना है<br />वो परदेस गए<br />मेरा दुःख दूना है....<br /><br />Jvab nahi dukh or apnepan ki ganga baha rahi hai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-12681729466191963282012-05-10T14:06:16.656+10:002012-05-10T14:06:16.656+10:00सुन्दर भाव लिए माहिये...सुन्दर भाव लिए माहिये...Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.com