tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post5940712283695630725..comments2024-03-28T16:00:15.561+11:00Comments on त्रिवेणी: एक शर्त हमारी Unknownnoreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-71339878641601777772013-05-28T15:48:05.411+10:002013-05-28T15:48:05.411+10:00ह्रदय से आभार ...डॉ. जेन्नी शबनम जी एवं रचना जी .....ह्रदय से आभार ...डॉ. जेन्नी शबनम जी एवं रचना जी ..स्नेह बनाए रखियेगा !<br /><br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-52079657306677140832013-05-28T15:46:35.618+10:002013-05-28T15:46:35.618+10:00बहुत आभार प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु ...भावना जी
साद...बहुत आभार प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु ...भावना जी <br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-13497141462034767562012-03-26T20:30:18.999+11:002012-03-26T20:30:18.999+11:00'नियति -नटी' बहुत खास बिम्ब, सभी रचनाएं अद...'नियति -नटी' बहुत खास बिम्ब, सभी रचनाएं अद्वितीय हैं, शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-89394477815839160202012-03-13T00:30:16.912+11:002012-03-13T00:30:16.912+11:00मै खुलने न दूँगी
बिखरने भी नहीं ।
ye bhav to kamal...मै खुलने न दूँगी<br />बिखरने भी नहीं ।<br />ye bhav to kamal ke hain ek nari kuchh bhi kar sakti hai<br />badhai<br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-40599614288189073352012-03-12T14:01:08.365+11:002012-03-12T14:01:08.365+11:00दिलबाग विर्क जी,veerubhai जी एवं ashwini kumar vis...दिलबाग विर्क जी,veerubhai जी एवं ashwini kumar vishnu जी ..मेरे भावों के साथ समरस आपकी प्रतिक्रिया और सराहना मेरी अनमोल निधि हैं...जिसके लिये मै आपकी बहुत बहुत आभारी हूं...!ज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-60116310411745739222012-03-12T13:54:07.586+11:002012-03-12T13:54:07.586+11:00हार्दिक धन्यवाद....रमाकान्त जीहार्दिक धन्यवाद....रमाकान्त जीज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-73716648310269013502012-03-12T08:45:26.036+11:002012-03-12T08:45:26.036+11:00कान्हा मैं खेलूँ
एक शर्त हमारी
जीतूँ तो "मेरे...कान्हा मैं खेलूँ<br />एक शर्त हमारी<br />जीतूँ तो "मेरे"<br />और जो हार जाऊँ ?<br />तो मै सारी तुम्हारी ।<br /><br />javaab nahi iska ,prem ki ye abhivyakti laajvaab hai ...bahut2 badhai...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-24864639521595269592012-03-11T03:24:24.975+11:002012-03-11T03:24:24.975+11:00कान्हा मैं खेलूँ
एक शर्त हमारी
जीतूँ तो "मेरे...कान्हा मैं खेलूँ<br />एक शर्त हमारी<br />जीतूँ तो "मेरे"<br />और जो हार जाऊँ ?<br />तो मै सारी तुम्हारी ।--------समर्पण की खूबसूरत अभिव्यक्तिदिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-89582595579494302232012-03-11T00:16:35.081+11:002012-03-11T00:16:35.081+11:00तांका का भाव सौन्दर्य देखते ही बनता है अर्थ की ग...तांका का भाव सौन्दर्य देखते ही बनता है अर्थ की गहराई भी उतराई भी ,मैं तो सारी भीज गई .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-34929921177607328482012-03-10T22:35:53.288+11:002012-03-10T22:35:53.288+11:00श्रेष्ठ तांका कविताएं ! " चाहें न चाहें/ हम क...श्रेष्ठ तांका कविताएं ! " चाहें न चाहें/ हम कहें न कहें/ नियति-नटी/ बस यूँ ही नचाए/ रँग सारे दिखाए " जीवन-दर्शन की गंभीरता समेटे है तो " कान्हा मैं खेलूँ/ एक शर्त हमारी/ जीतूँ तो 'मेरे'/ और जो हार जाऊँ/ तो मैं सारी तुम्हारी" समर्पित प्रीत की अथाह गहराई को अभिव्यंजित करता है! बधाई ज्योत्स्ना जी !ashwini kumar vishnuhttps://www.blogger.com/profile/09230520703715185203noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-42821071825577659272012-03-10T22:31:49.528+11:002012-03-10T22:31:49.528+11:00ati sundar.....
रमाकान्तati sundar.....<br />रमाकान्तAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-19035504672784475192012-03-10T21:29:12.910+11:002012-03-10T21:29:12.910+11:00आदरणीय satishrajpushkarana ji ,डा. अनीता कपूर जी,ऋ...आदरणीय satishrajpushkarana ji ,डा. अनीता कपूर जी,ऋता शेखर मधु जी,सीमा स्मृ्ति जी , डा.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक जी एवम अमिता कौंडल जी आपके सुन्दर ,प्रेरक शब्द मेरे लेखन को और नई ऊर्जा दे गये.....मै हृ्दय से आभारी हूं.....ज्योत्स्नाज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-78502981783203664252012-03-10T20:53:02.114+11:002012-03-10T20:53:02.114+11:00सुख तो आते
संग-संग गठरी
दुःखों की लाते
मै खुलने न ...सुख तो आते<br />संग-संग गठरी<br />दुःखों की लाते<br />मै खुलने न दूँगी<br />बिखरने भी नहीं ।<br />-आपने जीवन के सुख का मूलमन्त्र दे दिया । दु:ख की गठरी सबके जीवन में है , बस उसे खोला न जाए । बधाई !satishrajpushkaranahttps://www.blogger.com/profile/05918330944070496404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-33854809368978310672012-03-10T20:36:02.235+11:002012-03-10T20:36:02.235+11:00कान्हा मैं खेलूँ
एक शर्त हमारी
जीतूँ तो "मेरे...कान्हा मैं खेलूँ<br />एक शर्त हमारी<br />जीतूँ तो "मेरे"<br />और जो हार जाऊँ ?<br />तो मै सारी तुम्हारी ।<br />-अदभुत प्रेम की अद्भुत शर्त है ज्योत्स्ना जी ! जीतूँ तो''मेरे'' और हार जाने पर ''मैं सारी तुम्हारी'' -आत्मा और परमात्मा का विलय , प्रेम की पराकाष्ठा ! आपके भावविभोर करने वाले ताँका के लिए हार्दिक बधाई ! <br />डॉ. अनीता कपूरbikharemotihttps://www.blogger.com/profile/00943766989921151543noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-47438537139507504142012-03-10T18:07:00.378+11:002012-03-10T18:07:00.378+11:00कान्हा मैं खेलूँ
एक शर्त हमारी
जीतूँ तो "मेरे...कान्हा मैं खेलूँ<br />एक शर्त हमारी<br />जीतूँ तो "मेरे"<br />और जो हार जाऊँ ?<br />तो मै सारी तुम्हारी ।<br /><br />bahut sunder bhaav...badhai!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-76117177521866631542012-03-10T02:58:16.810+11:002012-03-10T02:58:16.810+11:00सुख तो आते
संग-संग गठरी
दुःखों की लाते
मै खुलने न...सुख तो आते<br />संग-संग गठरी<br />दुःखों की लाते <br />मै खुलने न दूँगी<br />बिखरने भी नहीं ।<br />बहुत सुन्दर तॉंका । सुख दुख के इस अद्यम् सत्य को बखूबी कहा गया है। ज्योत्स्ना शर्मा जी को बधाई।सीमा स्मृतिhttps://www.blogger.com/profile/09265585405906262267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-62113265963452374612012-03-10T01:47:27.401+11:002012-03-10T01:47:27.401+11:00चाहें न चाहें
हम कहें न कहें
नियति -नटी
बस यूँ ...चाहें न चाहें<br /><br />हम कहें न कहें<br /><br />नियति -नटी<br /><br />बस यूँ ही नचाए<br /><br />रंग सारे दिखाए ।<br /><br />सुख तो आते<br />संग-संग गठरी<br /><br />दुःखों की लाते <br /><br />मै खुलने न दूँगी<br /><br />बिखरने भी नहीं ।<br /><br /><br /><br />कान्हा मैं खेलूँ<br />एक शर्त हमारी<br />जीतूँ तो "मेरे"<br />और जो हार जाऊँ ?<br />तो मै सारी तुम्हारी <br /><br />बहुत सुंदर तांका हैं एक से बढ़ कर एक .हार्दिक बधाई.<br /><br />सादर,<br /><br />अमिता कौंडलअमिता कौंडलnoreply@blogger.com