tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post3549136868929834941..comments2024-03-29T02:11:17.472+11:00Comments on त्रिवेणी: कठपुतली Unknownnoreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79983715173480394512012-07-27T00:53:52.050+10:002012-07-27T00:53:52.050+10:00बहुत मार्मिक रचना. कठपुतली के माध्यम से स्त्री के ...बहुत मार्मिक रचना. कठपुतली के माध्यम से स्त्री के सच को अभिव्यक्त किया है. शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-49093581294855575052012-06-28T15:16:55.116+10:002012-06-28T15:16:55.116+10:00कठपुतली के माध्यम से स्त्री की वेदना की अत्यंत मा...कठपुतली के माध्यम से स्त्री की वेदना की अत्यंत मार्मिक अभिव्यक्ति पढ़ मैं नतमस्तक हूँ।<br />नमन आपको और आपकी लेख्ननी को सुधा दीदी!<br />आप के हाइकु "कूकी जो पिकी" विभोर कर गए! आप मेरे लिए प्रेरणा हैं। बहुत सीख रही हूँ आपसे!<br />पुन: नमन!sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-40215054367633217152012-06-25T16:25:45.224+10:002012-06-25T16:25:45.224+10:00नारी जीवन की व्यथा कथा को अभिव्यक्त करती ...आपकी र...नारी जीवन की व्यथा कथा को अभिव्यक्त करती ...आपकी रचना मुझे अवाक् कर गई दीदी ...नमन आपको !ज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-4913374612133398532012-06-25T16:22:37.189+10:002012-06-25T16:22:37.189+10:00नारी को कठपुतली मे इस तरह ढाला है कि पूरी ज़िन्दगी ...नारी को कठपुतली मे इस तरह ढाला है कि पूरी ज़िन्दगी चंद श्ब्दों ने ब्याँ कर दी। बहुत खूब।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-36038292559554409452012-06-25T13:38:31.979+10:002012-06-25T13:38:31.979+10:00Nari ki piida ko is trha apni lekhni men baandhkar...Nari ki piida ko is trha apni lekhni men baandhkar aankhon men aasuon ka sailaab laane vaali,dil se mukh se siskiyan bharne vaali bas meri perna sudha ji hi ho sakti hain naman aapko...Dr.Bhawna Kunwarhttps://www.blogger.com/profile/11668381875123135901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-52579450170691935832012-06-25T01:00:05.784+10:002012-06-25T01:00:05.784+10:00देश के वरिष्ठ हाइकुकार आदरणीय भगवत शरण अग्रवाल जी ...देश के वरिष्ठ हाइकुकार आदरणीय भगवत शरण अग्रवाल जी ने यह टिप्पणी भेजी है- नारी जीवन की संपूर्ण वेदना इस लघु कविता में उभर आई है . बधाई . <br />भगवत सरन अगरवालत्रिवेणीhttps://www.blogger.com/profile/18065125611157155281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-19707099243734193712012-06-24T22:51:58.467+10:002012-06-24T22:51:58.467+10:00हृदयस्पर्शी रचना...
टूटी–फूटी चीज़ों का
भला क्या ...हृदयस्पर्शी रचना...<br /><br />टूटी–फूटी चीज़ों का<br />भला क्या काम ?<br />सो ‘घूरे’ फेंकी गई<br />अब विश्राम में है।<br /><br />जीवन के अंतिम पड़ाव के लिए लिखी गई<br />ये पंक्तियाँ दिल को छू गई |<br /><br />सादरऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-51186297700366287602012-06-24T22:45:34.271+10:002012-06-24T22:45:34.271+10:00वाह मैडम सुधा जी बहुत ही सुंदर ....आमतोर पर हाइकु ...वाह मैडम सुधा जी बहुत ही सुंदर ....आमतोर पर हाइकु ,चोका का समझना बड़ा कठिन होता है लेकिन आपने इसे बड़ी कुशलता के साथ बोधगम्य बना दिया ,नारी का चित्रण अनूठा है बधाई |अनंत आलोकhttp://sahityaalok.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-87406384995773711292012-06-24T20:02:42.666+10:002012-06-24T20:02:42.666+10:00बेजान कठपुतलियों के माध्यम से नारी जीवन के बंधनों ...बेजान कठपुतलियों के माध्यम से नारी जीवन के बंधनों को जागरूक किया . <br />बधाई .<br /><br />मंजु गुप्ता .Manju Guptahttps://www.blogger.com/profile/10464006263216607501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-68763842007476678242012-06-24T12:08:20.211+10:002012-06-24T12:08:20.211+10:00नारी जीवन का सार इस चौका में उतार दिया आपने. आपकी ...नारी जीवन का सार इस चौका में उतार दिया आपने. आपकी लेखनी हमेशा ही सार गर्भित मन को छू लेती है. बधाई.<br />सादर<br />अमिता कौंडलamita kaundalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-33253910484778425282012-06-24T02:19:47.256+10:002012-06-24T02:19:47.256+10:00पांच और सात शब्दों की सीमा में बंधकर नारी जीवन के ...पांच और सात शब्दों की सीमा में बंधकर नारी जीवन के बंधनों को अभिव्यक्ति देना ये तो सुधाजी की लेखनी ही कर सकती है ... आपकी सृजन शक्ति को प्रणाम ..Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-13865598948294783062012-06-24T02:18:29.664+10:002012-06-24T02:18:29.664+10:00पांच और सात शब्दों की सीमा में बंधकर नारी जीवन के ...पांच और सात शब्दों की सीमा में बंधकर नारी जीवन के बंधनों को अभिव्यक्ति देना ये तो सुधाजी की लेखनी ही कर सकती है ... आपकी सृजन शक्ति को प्रणाम ..Kamlanikhurpa@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/05894933359198383315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-40501573068874963652012-06-23T23:54:02.222+10:002012-06-23T23:54:02.222+10:00अप्रतिम...सुधा जी की सोच, उसे शब्दों में इतनी खुबस...अप्रतिम...सुधा जी की सोच, उसे शब्दों में इतनी खुबसूरती से बाँध कर प्रस्तुत करने की क्षमता के आगे नतमस्तक हूँ...। इतनी गहरी बात, जो सच्चाई उन्होंने इस चोके के माध्यम से पेश की है वो सीधे कलेजा चीर गई...। आभार इस खूबसूरत रचना के लिए...।<br /><br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-53077640563589564502012-06-23T23:53:41.449+10:002012-06-23T23:53:41.449+10:00अप्रतिम...सुधा जी की सोच, उसे शब्दों में इतनी खुबस...अप्रतिम...सुधा जी की सोच, उसे शब्दों में इतनी खुबसूरती से बाँध कर प्रस्तुत करने की क्षमता के आगे नतमस्तक हूँ...। इतनी गहरी बात, जो सच्चाई उन्होंने इस चोके के माध्यम से पेश की है वो सीधे कलेजा चीर गई...। आभार इस खूबसूरत रचना के लिए...।<br /><br />प्रियंकाप्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-71385315793861866562012-06-23T20:44:58.672+10:002012-06-23T20:44:58.672+10:00अद्भुत मात्र इस लेखनी को अद्भुत ही कह सकता हूँ क्य...अद्भुत मात्र इस लेखनी को अद्भुत ही कह सकता हूँ क्योंकि इतना गहन विषय चोका के माध्यम से कहना एक हिम्मत एवं साहित्य सृजनात्मक क्षमता का काम है,बधाईसुरेश चौधरी प्रस्तुतिhttps://www.blogger.com/profile/07951442246771676636noreply@blogger.com