tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post2956806650214217938..comments2024-03-28T16:00:15.561+11:00Comments on त्रिवेणी: 792Unknownnoreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-18074681522443089852018-03-29T01:10:37.831+11:002018-03-29T01:10:37.831+11:00आप सभी आत्मीय जनों का हार्दिक आभार। आप सभी आत्मीय जनों का हार्दिक आभार। शैलपुत्रीhttps://www.blogger.com/profile/14996832470377693832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-89367607657990318502018-03-29T01:09:59.925+11:002018-03-29T01:09:59.925+11:00आभार महोदय, किन्तु, अतिव्यस्तता के कारण सम्मिलित न...आभार महोदय, किन्तु, अतिव्यस्तता के कारण सम्मिलित न हो सकी, क्षमा। शैलपुत्रीhttps://www.blogger.com/profile/14996832470377693832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-85347052680843378902018-02-20T21:08:14.368+11:002018-02-20T21:08:14.368+11:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है । शुभकामना ।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है । शुभकामना ।<br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00034972060191594382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-73869469453972212762018-02-20T21:06:55.931+11:002018-02-20T21:06:55.931+11:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है ।
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है । <br /><br /><br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00034972060191594382noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-82829186332067339512018-02-17T00:30:14.957+11:002018-02-17T00:30:14.957+11:00सबसे पहले तो कविता जी, आपको बहुत बधाई इतने प्यारे ...सबसे पहले तो कविता जी, आपको बहुत बधाई इतने प्यारे तांका रचने के लिए...|<br />आदरणीय काम्बोज जी की बातों से पूरी तरह सहमत हूँ, लेकिन एक संतोष भी है कि हमारे इस त्रिवेणी परिवार में हमेशा स्तरीय तांका, सेदोका, माहिया या चोका का ही आनंद मिलता है, जिसके लिए सम्मानीय हरदीप जी और आदरणीय काम्बोज जी भी निःसंदेह साधुवाद के पात्र हैं |प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-73215873729327192018-02-13T14:43:15.628+11:002018-02-13T14:43:15.628+11:00बहुत सुन्दर कविता जी. निश्छल, सहज और सरल कविता !
...बहुत सुन्दर कविता जी. निश्छल, सहज और सरल कविता ! <br /> गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-61708233400416325662018-02-12T20:48:14.916+11:002018-02-12T20:48:14.916+11:00बहुत सुन्दर, भावपूर्ण ...,
वाह!!!बहुत सुन्दर, भावपूर्ण ...,<br />वाह!!!Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-46038096396993918862018-02-12T05:19:23.697+11:002018-02-12T05:19:23.697+11:00आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ... आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' १२ फरवरी २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /> टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br />'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-58579848413466722892018-02-10T21:03:03.818+11:002018-02-10T21:03:03.818+11:00कविता भट्ट जी आपके प्रेरक शब्दों ने मुझे भी बल दिय...कविता भट्ट जी आपके प्रेरक शब्दों ने मुझे भी बल दिया है। मैं विश्वास दिलाना चाहूँगा कि भविष्य में हम बेहतर काम करेंगे। आप सबका साथ और सहयोग साहित्य को भी नई दिशा देगा । रामेश्वर काम्बोज हिमांशु'rameshwar kambojhttps://www.blogger.com/profile/03515047042323213496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-5217857777724365742018-02-10T17:27:16.240+11:002018-02-10T17:27:16.240+11:00महोदय, आपकी प्रेरणा से ताँका जैसी सुन्दर विधा में ...महोदय, आपकी प्रेरणा से ताँका जैसी सुन्दर विधा में मैंने लिखना प्रारम्भ किया। मेरी रचनाओं का आपने इतना सुन्दर विश्लेषण किया कि मैं गदगद हूँ। आप स्वयं इतने मर्मज्ञ हैं कि इन विधाओं पर स्वयं भी अभूतपूर्व कार्य कर रहे हैं तथा अन्य नवोदित रचनाकारों को एक प्रेरित भी करते हैं। आप मे ही इतनी सामर्थ्य हो सकती है कि विदेशी विधहों को भी आपने हिन्दी साहित्य का अभिन्न लोकप्रिय अंग बना दिया। आपको सादर नमन। सदैव आशीर्वाद की प्रत्याशा। मैं गदगद हूँ, अधिक क्या कहूँ? नीलाम्बरा.comhttps://www.blogger.com/profile/05792893886774411412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79574867809522109602018-02-10T15:30:40.436+11:002018-02-10T15:30:40.436+11:00भाव और अभिव्यक्ति की दृष्टि से बहुत सुन्दर ताँका य...भाव और अभिव्यक्ति की दृष्टि से बहुत सुन्दर ताँका यहाँ 2012 से प्रकाशित हो रहे हैं। डॉ सुधा गुप्ता, भावना कुँअर ,हरदीप सन्धु, मुमताज टी एच खान, कमला निखुर्पा, रचना श्रीवास्तव, सुदर्शन रत्नाकर, डॉ ज्योत्स्ना शर्मा , ज्योत्स्ना प्रदीप , कृष्णा वर्मा ,अनिता ललित, पुष्पा मेहरा इसी सृजन की शृंखला में हैं। बहुत से लोगों ने त्रिवेणी की देखा-देखी थोक में भाव-शून्य शब्द-जाल रचा है , जो केवल 5-7-5-7-7 का जंजाल ही सिद्ध हुआ। ऐसे कलमवीरों के संकलन पढ़कर मैं बहुत निराश हुआ , अत; 2012 के बाद से किसी अगले संकल्न की बात दिमाग़ से निकाल दी थी। डॉ कविता भट्ट जी ने पहली बार ताँका भेजे, मुझे पढ़कर सुखद अहसास हुआ । विषयवस्तु में नयापन, अभिव्यक्ति में नूतनता के साथ सहजता इनके ताँका की विशेषताएँ है। इस विशेषता को त्रिवेणी के नियमित रचनाकार और पाठक भली प्रकार समझते हैं।प्रेम जीवन की शाश्वत अनुभूति है,जो जड़ से चेतन तक फैली है। इसकी उदात्तता मनुष्य को मानव बनाती है।विकृत मानसिकता वाले इसी प्रेम को वासना या कुण्ठा बना लेते हैं। <br /> कविता जी के ताँका में-नभ सी बाहें पसारना में 'पसारो' शब्द की व्यापकता फैलाओ में नहीं,आलिंगन द्वारा अवसाद हर लेना[वासना नहीं भाव की शीतलता] , रवि द्वारा धरा का माथा चूमना[ प्रकृति का मानवीकरण और दृश्य बिम्ब, दिग-दिगन्त का झूमना भी हर्षोल्लास की अभिव्यक्ति],प्रिय-दर्शन द्वारा ताप-सन्ताप का मिटना एक सात्त्विक अनुभूति है। आँखों द्वारा मन पर अक्षर लिखकर प्रेम पाती पूरी करती हैं फिर उन पर हस्ताक्षर करके उस भावानुभूति को हस्ताक्षर करके पुष्ट करना बेहद गहन है।मन की खूँटी पर रूपक की प्रस्तुति और उस पर भी झूलता हुआ[बलपूर्वक टँगा हुआ नहीं] फूलदान, मन की दीवारों पर चिपकी[टँगी हुई नहीं] तस्वीर का न बदलना [ चिपकी हुई जो है],मन के कोने का उद्दीप्त और सुवासित होना , वह भी किसी सस्ते या तीव्रगन्ध वाले बाज़ारू इत्र से नहीं; बल्कि कपूर से सुवासित्[ सुगन्धित से ऊपर]। प्रिय का प्रेम मर्यादित है । कोई भी चलताऊ जुमलेबाजी यहाँ काम नहीं करती। हुस्ने-जानाँ, जाने-जानाँ जैसी घिसी-पिटी शब्दावली का यहाँ प्रवेश नहीं ; क्योंकि प्रिय का वह प्रेम पूजा के दीपक की ज्योति-सा पावन है, आस्था और विश्वास से भरा है, आत्मीयता से परिपूरित है।<br /> काव्य का कोई भी प्रकार हो , वह शब्द की सीमा से परे होता है। केवल शब्दों में उलझा शब्दकोश का अर्थ कभी काव्य नहीं बन सकता। अच्छे काव्य का अर्थ सदैव शदों के अभिधेय अर्थ का अतिक्रमण करता है। हाइकु, ताँका , सेदोका , चोका आदि जापानी कविताएँ होने पर भी हमारी भारतीय काव्यशास्त्रीय परम्परा के साथ हमारे समाज का दर्पण भी हैं। हमारे उपमान इनको और उत्कृष्ट बनाते हैं। आप सबसे आशा करता हूँ कि आप इसी माधुर्य को पहले की तरह आगे बढ़ाएँगे। कम रचेंगे[ लिखेंगे नहीं, बहुत से लोग लिख-लिख्कर बहुत कूड़ा भर चुके हैं] गुणात्मक रचेंगे। यह इसी बहाने आप सबसे संवाद है। कारण यह है कि मैं भी अकेला पड़ गया हूँ ;क्योंकि कुछ अच्छे रचनाकार मुँह मोड़ चुके हैं। मैं हर अच्छे रचनाकार के साथ हूँ। आप सब दूसरों को भी पढ़ें , खुद भी सृजन करें। जो अच्छा रचे हम उसका विश्लेषण करें और इस स्वस्थ परम्परा को आगे बढ़ाएँ<br />कुछ वर्ष पहले आदरणीया सुधा दीदी ने ‘मेरी पसन्द’ के अन्तर्गत मेरे ताँका पर लिखा था । उनकी मनमर्ज़ी। उनका यह लिखना किसी को बुरा भी लग सकता है, मैंने नहीं सोचा था; लेकिन किसी को बुरा लगे ,तो इस पर मेरा वश नहीं । जो अच्छा रचे , वे हमसे बड़े हों या छोटे हम उसका विश्लेषण करें और उदारतापूर्वक इस स्वस्थ परम्परा को आगे बढ़ाएँ। <br /> सदा आशाओं आदर और स्नेह के साथ रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'rameshwar kambojhttps://www.blogger.com/profile/03515047042323213496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-2370465380383341822018-02-10T13:14:14.307+11:002018-02-10T13:14:14.307+11:00बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है । शुभकामना ।बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है । शुभकामना ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14537608603741639797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-48539793592515571022018-02-10T02:22:13.549+11:002018-02-10T02:22:13.549+11:00हार्दिक आभार, आदरणीयहार्दिक आभार, आदरणीयनीलाम्बरा.comhttps://www.blogger.com/profile/05792893886774411412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-15895018501392634882018-02-10T00:58:25.419+11:002018-02-10T00:58:25.419+11:00हार्दिक साधुवाद कविताजीहार्दिक साधुवाद कविताजीmahendra bhishmahttps://www.blogger.com/profile/16317238523319984479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79739991739915620152018-02-10T00:38:36.740+11:002018-02-10T00:38:36.740+11:00Superb thoughts. Keep it up, God bless you Superb thoughts. Keep it up, God bless you Pradeep Rajputhttps://www.blogger.com/profile/09326858376338374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-72921418248071317322018-02-09T23:43:16.877+11:002018-02-09T23:43:16.877+11:00आप सभी की आत्मीयता हेतु आभारी हूँ। आप सभी की आत्मीयता हेतु आभारी हूँ। नीलाम्बरा.comhttps://www.blogger.com/profile/05792893886774411412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-25646037791057115932018-02-09T20:18:09.232+11:002018-02-09T20:18:09.232+11:00मौसम और दस्तूर के बहुत सुन्दर ताँका । बधाई प्रिय क...मौसम और दस्तूर के बहुत सुन्दर ताँका । बधाई प्रिय कविता । Vibha Rashmihttps://www.blogger.com/profile/07085561289908241333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-64429911566335436632018-02-09T12:54:13.425+11:002018-02-09T12:54:13.425+11:00
प्रेम भाव से भरे ताँका हेतु कविता जी को बधाई |
...<br /> प्रेम भाव से भरे ताँका हेतु कविता जी को बधाई |<br /> <br /> पुष्पा मेहरा Pushpa mehrahttps://www.blogger.com/profile/03375356603929430087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-76617336813348336982018-02-09T04:08:02.862+11:002018-02-09T04:08:02.862+11:00बहुत भाव भरे है तांका कविता जी , कैसे मूल्य मैं आ...बहुत भाव भरे है तांका कविता जी , कैसे मूल्य मैं आँका ।<br />खिल उठा मन उपवन , हर पंक्ति लाई सुगंध भरे सुमन ।<br />पढ़ पढ़ कर न अघाई ,बधाई हो जी ,हार्दिक बधाई ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/05248473740018889298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-73987843251807568172018-02-09T03:21:17.084+11:002018-02-09T03:21:17.084+11:00बहुत सुंदर भावपूर्ण ताँका । बधाई कविता जी। बहुत सुंदर भावपूर्ण ताँका । बधाई कविता जी। Sudershan Ratnakarhttps://www.blogger.com/profile/04520376156997893785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-3899453662311178052018-02-09T01:58:13.097+11:002018-02-09T01:58:13.097+11:00प्रेम में पगे मनमोहक ताँका !
बहुत - बहुत बधाई कवित...प्रेम में पगे मनमोहक ताँका !<br />बहुत - बहुत बधाई कविता जी !Jyotsana pradeephttps://www.blogger.com/profile/02700386369706722313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-27464357000353012292018-02-08T23:54:30.089+11:002018-02-08T23:54:30.089+11:00मनमोहक भावपूर्ण ताँका।
हार्दिक बधाई कविता जी।मनमोहक भावपूर्ण ताँका।<br />हार्दिक बधाई कविता जी।Krishnahttps://www.blogger.com/profile/01841813882840605922noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-17283506854921595402018-02-08T19:01:03.640+11:002018-02-08T19:01:03.640+11:00Bahut sundar ,saras taanka !
Haedik badhai kavita ...Bahut sundar ,saras taanka !<br />Haedik badhai kavita ji !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-61205611573325913242018-02-08T18:36:56.686+11:002018-02-08T18:36:56.686+11:00वाह...बहुत भावपूर्ण ..हार्दिक बधाई कविता जी।वाह...बहुत भावपूर्ण ..हार्दिक बधाई कविता जी।सुनीता काम्बोजhttps://www.blogger.com/profile/03287350410187694457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-20425550947090500002018-02-08T17:01:37.610+11:002018-02-08T17:01:37.610+11:00बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण ताँका !
हार्दिक बधाई कविता...बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण ताँका !<br />हार्दिक बधाई कविता जी!!!<br /><br />~सादर <br />अनिता ललित Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.com