tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post1813324551453600632..comments2024-03-29T02:11:17.472+11:00Comments on त्रिवेणी: ओ मेरे कान्हा ! Unknownnoreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-90322209335748354942013-05-28T15:44:13.453+10:002013-05-28T15:44:13.453+10:00जय श्री कृष्ण ....एवं ह्रदय से आभार इस सहृदय अभिव्...जय श्री कृष्ण ....एवं ह्रदय से आभार इस सहृदय अभिव्यक्ति के लिए !<br /><br />सादर <br />ज्योत्स्ना शर्मा ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-59798691109894128852013-02-15T18:13:25.814+11:002013-02-15T18:13:25.814+11:00वाह ............. कृष्ण जी के प्रेम का अमृत बरस रह...वाह ............. कृष्ण जी के प्रेम का अमृत बरस रहा है इस कृति में !<br /><br />जय श्री कृष्ण ओर्यम कृष्णhttps://www.blogger.com/profile/11900483778080615395noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-65024019380719829222012-07-11T22:30:00.024+10:002012-07-11T22:30:00.024+10:00बहुत आभार ...आपके शब्द मेरी प्रेरणा हैं...सादर ज्य...बहुत आभार ...आपके शब्द मेरी प्रेरणा हैं...सादर ज्योत्स्नाज्योत्स्ना शर्माnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-47997913383297404452012-05-12T14:26:20.011+10:002012-05-12T14:26:20.011+10:00बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर "चोका" छंद रचन...बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर "चोका" छंद रचने के लिए बधाई स्वीकार करें ज्योत्स्ना शर्मा जी।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-20725642139820104712012-05-03T00:17:35.648+10:002012-05-03T00:17:35.648+10:00मुझसे कहो-
दर्द मेरे लिए थे
भला तुम क्यों सहो ...?...मुझसे कहो-<br />दर्द मेरे लिए थे<br />भला तुम क्यों सहो ...?<br /><br />बहुत सुन्दर...बधाई...।प्रियंका गुप्ता https://www.blogger.com/profile/10273874634914180450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-85895920252006779722012-05-02T15:09:56.643+10:002012-05-02T15:09:56.643+10:00सार्थक रचना ..बधाई ...
डा. रमा द्विवेदीसार्थक रचना ..बधाई ...<br />डा. रमा द्विवेदीRamahttps://www.blogger.com/profile/10010943809475838010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-71118579445706908712012-04-30T14:54:39.077+10:002012-04-30T14:54:39.077+10:00मुझमें बसे
'खुद ' को तो हटा लो
मुझसे कहो-
...मुझमें बसे<br />'खुद ' को तो हटा लो<br />मुझसे कहो-<br />दर्द मेरे लिए थे<br />भला तुम क्यों सहो ...?<br /><br /><br /><br />बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई और धन्यवाद!<br />सादर/सप्रेम<br />सारिका मुकेशसारिका मुकेश https://www.blogger.com/profile/03341618267894745278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-29678627669225220002012-04-30T14:53:28.563+10:002012-04-30T14:53:28.563+10:00मुझमें बसे
'खुद ' को तो हटा लो
मुझसे कहो-
...मुझमें बसे<br />'खुद ' को तो हटा लो<br />मुझसे कहो-<br />दर्द मेरे लिए थे<br />भला तुम क्यों सहो ...?<br /><br /><br />बहुत सुंदर कविता! हार्दिक बधाई और धन्यवाद!<br />सादर/सप्रेम<br />सारिका मुकेशसारिका मुकेश https://www.blogger.com/profile/03341618267894745278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-54960001943012369892012-04-30T13:07:51.859+10:002012-04-30T13:07:51.859+10:00प्रेम सरोवर
kalamdaanप्रेम सरोवर <br />kalamdaanRITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7467012346932675254.post-79862032984870608732012-04-30T04:35:38.130+10:002012-04-30T04:35:38.130+10:00इतना सुनो-
तुम हो प्राण मेरे
मुझमें बसे
'खु...इतना सुनो- <br />तुम हो प्राण मेरे <br />मुझमें बसे <br />'खुद ' को तो हटा लो <br />मुझसे कहो- <br />दर्द मेरे लिए थे<br />भला तुम क्यों सहो ...?<br />बहुत सुन्दर<br />कृष्णा वर्माAnonymousnoreply@blogger.com