शुक्रवार, 26 मई 2017

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1-भारतीय सेना के शूरवीर सैनिकों को समर्पित

1-शशि पाधा
1
कैसी आज़ादी है
सरहद से पूछो
कितनी बर्बादी है ।
2
यह नेता क्या जाने
वीर सिपाही का
साहस ना पहचाने ।
3
अर्जुन सा वार करें 
दुश्मन टोली का 
सैनिक संहार करें ।
4
दुशमन से जूझ जरा
दृढ़ता सैनिक की
पर्वत से पूछ जरा ।
5
आज़ादी पाई है
कितने वीरों ने
निज जान गंवाई है ।
6
जयघोष सुनाना है
सारा जग सुन ले
अब देश बचाना है ।
7
जब पहने रोता है
बेटा सैनिक का
वर्दी से छोटा है ।
8
सीमा पर ध्यान धरो
जन गण भारत के
सैनिक का मान करो ।
9
माँ धीर ज़रा धरना 
गर हम लौटें ना
नित याद हमें करना ।
10
इक रीत निभानी है
गाथा वीरों की
हर रोज़ सुनानी है ।
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 (भारतीय सेना के शूरवीर सैनिकों को समर्पित)
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2-मंजूषा मन
1
संवाद अधूरे हैं,
मन में झांको तो
सब किस्से पूरे हैं।
2
ये मौन डराता है,
चुप तुमको देखे
तो मन घबराता है।
3
कुछ ऐसे रोएँगे,
काँधे सर रखकर
हम खूब भिगोएँगे।
4
हर सफर अधूरा है,
तुम तक पहुँचाए
वह रस्ता पूरा है।
5
छोड़ो अब जाने दो,
मन बौराया है
मन को समझाने दो।
6
तुमसे न कह पाएँ
पर देखो हमको
हम मौन न रह पाएँ ।
7
किससे हम कह पाते,
अपना कौन यहाँ
जिसको गम दिखलाते।
8
मन के बिखरे मनके
टूटे डोरी से
सब रिश्ते जीवन के।
9
शामों के ढलने पर
याद बहुत आए
दीपक के जलने पर।
10
सब राज कहे तुमसे
अब डर लगता है
रूठो न कहीं हमसे।

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6 टिप्‍पणियां:

Sudershan Ratnakar ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया। शशिजी,मँजूषा जी हार्दिक बधाई।

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही सुंदर सृजन
हार्दिक बधाई शशिजी , मंजूषा जी

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही सुंदर सृजन
हार्दिक बधाई शशिजी , मंजूषा जी

Satya sharma ने कहा…

बहुत ही सुंदर सृजन
हार्दिक बधाई शशिजी , मंजूषा जी

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत सुंदर माहिया हैं !
आ. शशि दी एवम् मन जी को हार्दिक बधाई !!

सुनीता काम्बोज ने कहा…

आ. शशि जी,मंजूषा जी भावपूर्ण माहिया ..हार्दिक बधाई आप दोनों को ।