शुक्रवार, 13 मई 2016

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जुगल बन्दी : माहिया 
अनिता मंडा : डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा 
1
कुछ ख़्वाब सुहाने से।
होकर अपने भी
लगते बेगाने से।1 अनिता मण्डा
 0
जो भी देखूँ सपने
सब तेरे ,साजन !
कब होते हैं अपने  । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
2
फूलों पर सोई थी
सूनी रातों में
क्यों शबनम रोई थी। अनिता मण्डा
0
बिस्तर है फूलों का
बिरहा की मारी 
चुभना है शूलों का  डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
3
बेटी का भाग लिखा
आँसू की मसि ले
क्यों दुख का राग लिखा। अनिता मण्डा
0
भर खूब उमंगों से
आप सजा लूँगी 
मैं दुनिया रंगों से डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
 4
घुँघरू सब टूट गए
छमछम की सरगम,
सुर हमसे छूट गए। अनिता मण्डा
0
घुँघरूँ से हैं बजते 
छेड़ो मन-वीणा
सुर साज सभी सजते डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
 5
सौ रोग यहाँ कम हैं
एक गरीबी में
दुनिया के सब ग़म हैं। अनिता मण्डा
 0
पूरे अरमान हुए
तेरा प्यार मिला
कितने धनवान हुए डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
6
पथरीली राह मिली।
औरत के हिस्से
क्यूँ हरदम आह मिली। अनिता मण्डा
 0
पत्थर से टकराना
नदिया की फ़ितरत 
बेरोक बहे जाना  । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
7
आग भरे दरिया से
पार उतरना है
नफरत की नदिया से। अनिता मण्डा
0
दरिया में आग भरी 
डूबी ,उतराई 
साधी जब प्रीत तरी । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
8
यूँ देख न दानों को
उड़ जा चिड़िया तू
पहचान सयानों को। अनिता मण्डा
0
गर चतुर शिकारी है
उड़ती चुग, चिड़िया 
अब ना बेचारी है । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा
9
कुछ तारे टूट गए
नभ की थाली से
अनजाने छूट गए। अनिता मण्डा
 0
देखूँ टूटा तारा
एक दुआ माँगूँ
यूँ बिछड़े ना प्यारा । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा

-0-

17 टिप्‍पणियां:

Anita Manda ने कहा…

वाह ज्योत्स्ना दीदी अद्भुत जुगलबंदी।

Sudershan Ratnakar ने कहा…

ज्योत्स्नाजी ,अनिताजी क्या सुंदर जुगलबंदी की है। बहुत सुंदर। आप दोनों को बधाई

ज्योति-कलश ने कहा…

bahut-bahut aabhaaar sudershan didi , Anita ji :)

sampadak dway ka bhi hruday se dhanyawaad !

saadar
jyotsna sharma

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

वाह।अनीता जी के माहिया बहुत उम्दा हैं साथ ही डॉ ज्योत्सना जी की जुगलबंदी ने कमाल ही कर दिया है।दोनों रचनाकारों को ह्रदय से बधाई ।

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

Wah bahut hi sundar jugalbandi

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

Wah bahut hi sundar jugalbandi

Manju Gupta ने कहा…

लाजवाब जुगलबंदी .
बधाई

Vibha Rashmi ने कहा…

वाह ! उम्दा माहिया और जुगलबंदी के लिए अनिता मंडा जी व ज्योत्स्ना प्रदीप जी को हार्दिक बधाई ।

Vibha Rashmi ने कहा…

वाह ! उम्दा माहिया और जुगलबंदी के लिए अनिता मंडा जी व ज्योत्स्ना प्रदीप जी को हार्दिक बधाई ।

Manju Mishra ने कहा…

वाह अनिता और ज्योत्सना...बहुत सुंदर जुगलबंदी, मन ख़ुश हो गया

Krishna ने कहा…

लाजवाब जुगलबंदी!! अनिता जी, ज्योत्स्ना जी हार्दिक बधाई।

Unknown ने कहा…

अनुपम जुगलबंदी अनिता जी ज्योत्सना जी । रस घोल गई कानों में माहियों की रसधार ।बधाई बहुत बहुत दोनों को ।

Pushpa mehra ने कहा…


sarita ki dhara si prvahmayi jugalbndi hetu donon racahnakaron ko badhai.

pushpa mehra

Jyotsana pradeep ने कहा…

3
बेटी का भाग लिखा
आँसू की मसि ले
क्यों दुख का राग लिखा। अनिता मण्डा
0
भर खूब उमंगों से
आप सजा लूँगी
मैं दुनिया रंगों से । डॉ.ज्योत्स्ना शर्मा

bahut sundar !
badi hi khoobsurti ke saath ki gai jugalbandi ...jyotsna ji anita ji ko bahut -bahut badhai !

ज्योति-कलश ने कहा…

Hruday se aabhaar aap sabhi sudhijano ka .
Sadar
Jyotsna sharma

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

क्या बात...ज्योत्सना जी एवमं् अनीता जी के भावपूर्ण जुगलबन्दी के लिए दोनों को बहुत बधाई !

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

वाह ! आनंद आ गया इस शानदार जुगलबंदी में...| बहुत बहुत बधाई आप दोनों को...|