गुरुवार, 24 दिसंबर 2015

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1- माहिया
अनिता ललित
1
चिटके सुख का प्याला
जैसे उम्र ढले
विष सी जीवन-हाला।
2
भाए ना जीवन को
दुनिया के मेले
ठेस लगे जब मन को।
3
पीड़ा मन की गहरी
आँखों से छलके
पलकों पर आ ठहरी।
4
सपन करे हैं बैना
बन के किर्च चुभें
सोना भूले नैना।
-0-
2- चोका 
मंजूषा मन

इंतज़ार था
तुम महसूसोगे
प्यार ये मेरा
मेरी खामोश जुबाँ
आँखों की भाषा
या जो ये भी नहीं तो
तुम अपने
मन को टटोलोगे
फिर ज़रूर
ख्यालों के परदे को
तुम ही खोलोगे
तुम बात मन की
तब बोलोगे
तुमने पर कभी
समझा नहीं
मेरे मन के भाव
और अपने
मन के जज्बात को।
पर तुमने
कोशिश ही नहीं की
जानना चाहा
न ही कुछ बताना
फिर आखिर
मेरी तुम्हारी राहें
जुदा हो गईं
जीवन की कहानी
नहीं हुई सुहानी।
-0-

18 टिप्‍पणियां:

Amit Agarwal ने कहा…

sundar rachnaayen! shubhkaamnayen!!

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत मनभावन चोका और माहिया...बहुत बधाई...।

Unknown ने कहा…

अनिता ललित जी चारों माहिया जिंदगी की हक़ीकत दर्शाते बहुत अच्छे लगे विशेषकर यह तो गहरी छाप छोड़ गया….पीड़ा मन की गहरी ,आँखों से छलके,पलकों पर आ ठहरी।
मंजूषा जीआपका चोका भी सुन्दर भावाव्यक्ति लिये मन को भा गया ।मन के भावों की खामोश जुबाँ कहाँ कोई पढ़ पाता है पढ़ पाये तो कभी जुदा न हों राहें ।जीवन सुहाना होजाये सही कहा।
आप दोनों को बधाई।

sushila ने कहा…

सभी माहिया सुंदर। पीड़ा मन की गहरी......ने विशेष रूप से प्रभावित किया । बधाई अनिता जी !
बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर चोका मंजूषा जी का । बधाई !

sushila ने कहा…

सभी माहिया सुंदर। पीड़ा मन की गहरी......ने विशेष रूप से प्रभावित किया । बधाई अनिता जी !
बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर चोका मंजूषा जी का । बधाई !

sushila ने कहा…

सभी माहिया सुंदर। पीड़ा मन की गहरी......ने विशेष रूप से प्रभावित किया । बधाई अनिता जी !
बहुत ही भावपूर्ण और सुंदर चोका मंजूषा जी का । बधाई !

Dr.Purnima Rai ने कहा…

मंजूषा जी एवं प्रियंका जी बढ़िया भावपूर्ण सृजन

Dr.Purnima Rai ने कहा…

मंजूषा जी एवं प्रियंका जी बढ़िया भावपूर्ण सृजन

rbm ने कहा…

manjusha ji va priyanka ji mahiya va choka donon hi sunder hain . badhai .
pushpa mehra

मेरा साहित्य ने कहा…

चिटके सुख का प्याला
जैसे उम्र ढले
विष सी जीवन-हाला।
sahi kaha bahut khoob
badhai
rachana

मेरा साहित्य ने कहा…

मेरी तुम्हारी राहें
जुदा हो गईं
जीवन की कहानी
नहीं हुई सुहानी।
uf bahut khoob likha hai

rachana

मंजूषा मन ने कहा…

अनीता जई बहुत हई भावपूर्ण माहिया।

पीड़ा मन की गहरी.... सुन्दर

मंजूषा मन ने कहा…

आप सभी का हार्दिक आभार। हमारे चोका कओ पसन्द करने और समय देने के लिए।

आभार

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

अनीता जी बहुत खूब माहिया लिखा है पीड़ा मन की गहरी .............हार्दिक बधाई |मंजूषा जी आपको भी भावपूर्ण चोका रचने के लिए बधाई |नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाओं सहित |सविता अग्रवाल "सवि"

Krishna ने कहा…

मन को छूते बहुत सुन्दर माहिया अनीता जी......मंजूषा जी बड़ा सुन्दर चोका....आप दोनों को बधाई।

sunita pahuja ने कहा…

Anita ji, Manjusha ji badhaii, bhaavpoorn rachnaein.
yeh palke to bahut kuchh sehati hain
gir kar, uTth kar hee bahut kuchh kehati hain

ज्योति-कलश ने कहा…

jiivan ke sach ko bayaan karate sundar maahiyaa aur maarmik choka !!
anita ji evam 'man' ji ko haardik badhaii !

Unknown ने कहा…

सुंदर