शनिवार, 31 अक्तूबर 2015

तुम भूल नहीं जाना



1-डॉ सरस्वती माथुर
1
तुम भूल नहीं जाना
करवा पूजा है
चूनर ओढ़ा जाना ।
2
देवर जी आ जाना
करवा की सरगी
भाभी को दें जाना ।
-0-
2-डॉ०पूर्णिमा राय
1
करवाचौथ
मनभावन व्रत
नारियां सजी
मधुरिम भावों से
चमके मुख छवि!!
2
मन्द मुस्कान
है सोलह शृंगार
मनवा पंछी
प्रिय रंग में रँगा
ढूँढ रहा है चाँद!!
3
झाँके चन्द्रमा
बादलों के बीच से
आँख मिचौली
चाँदी की रेखा से ही
माँ-सिंदूर सजे!!
4
रूप निखरा
देख नव वसुधा
डोले गगन
मिलन- विकलता
पुकारे चन्द्रमा को!!
-0-

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

प्यारा ये सन्नाटा



प्रियंका गुप्ता
1
मैंने था मारा
भीतर का रावण
पिछली बार ;
फिर झाँका तो पाया
रावण मरा नहीं ।
-0-


मंजूषा मन
1
ये राज़ पुराने हैं
खोल दिए सारे
फिर भी ना जाने हैं।
2
हमसे वो यूँ बोले
कड़वे बोल बड़े
सुनकर ये दिल डोले।
3
ये सीपों में मोती
नदिया सागर से
मिलकर है क्यों रोती।
4
प्यारा ये सन्नाटा
इसने ही हमसे
है सारा दुख बाँटा।
5
काली कमली ढकके
 सोया है चंदा
 बादल तकिया रखके।
 -0-
डॉ०पूर्णिमा राय
1
हर दिल की चाहत हो-
सुख महके अँना
कष्टों से राहत हो।।
2
पलकें ये जब झपकें
तेरी यादों में
बरबस आँसू टपकें।।
3
भोली सूरत भाये
दिल उजला उसका
नैना ये मुस्का।।
4
ये दिल है दीवाना
सपने नित देखे
सपनों में तुम आना।।
5
चुपके से आना तुम
सुनकर कोयल को,
मीठा ही गाना तुम।।
6
पैरो़ं में पायल है
रुनझुन घुँरू से
दिल होता घायल है।।
-0-

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2015

ख्वाबों में आ आते



1-डॉ हरदीप कौर सन्धु
1
ख्वाबों  में आ आते
याद कभी रखते
तो भूल कभी जाते।
2
अब यूँ बेनूर न हो
आज दुआ मेरी
तू दिल से दूर न हो।
3
होंठों से गीत झरें
मीत चलो मिलके
जीवन में  रंग भरें।
4
हमने हर स्वाद चखा
शूलों-फूलों  का
कोई न हिसाब रखा।
5
सावन के झूलों से
लिपटी है खुशबू
ले ओ फूलों से।
6
आँखों से नीर बहे
खुद मिटकर के भी
जियरा की पीर कहे।
7
हर द्वार नहीं मिलती
साँसों की खुशबू
हर रोज़ नहीं खिलती
8
पानी का कतरा है
सबमें घुल जाना
जीवन का खतरा है  
-0-
2-अनिता मंडा

आसरा


हमारे बीच
तूमने कभी एक
खींची दीवार
उसको ही हमने
बनाया घर
मत डालो दरार
उसमें अब,
दीवारों में दरार
होती न अच्छी
छत उठा रखी है
अपने पर
इन दीवारों ने ही
दिया हमें आसरा।
-0-