शुक्रवार, 10 जुलाई 2015

जुगनू -सी स्मृतियाँ



कृष्णा वर्मा
1
जब बजती
यादों की शहनाई
सहलाए जी
खंडहर में गीत
अनुगूँज  लुभाए
2
कातर मन
जुगनू -सी स्मृतियाँ
 पी कर ग़म
झिडकतीं विषाद को
बेतकल्लुफ तन।
3
लौटूँगा मैं भी
लौट आते ज्यों मेघ
भर के प्यार
निष्फल नहीं होगा
तुम्हारा इंतज़ार।
4
लौटेगी खुशी
कभी इस तरह
जैसे बेसब्र
प्रतिध्वनियाँ लौटें
पर्वतों से टकरा।
5
लौटती चाह
लौट आता ज्यों मन
क्षण भर में
अपलक तकते
सुदूर क्षितिज को।
6
भोले सपने
सोचों के आँगन में
बिछाए बैठे
उम्मीदों की चादर
जोहें खुशी की बाट।
7
उड़ ना सको
तो करना न ग़म
घुटनों बल
सरकाना ज़िन्दगी
हो जीवन का लक्ष्य।
8
डर को छलो
नाता जोड़ो विश्वास
भाँज के शक
सपनों के पंख ले
ऊँचे उड़ो आकाश।
9
साँझ ढलते
बसेरे याद आएँ
चोंचों में भरें
दिन भर कमाया
पकड़ते दिशाएँ।
10
चले जो हवा
बतियाते हैं पात
हँसी-ठिठोली
दे-दे के ताली कहें
इक-दूजे की बात ।
11
दिन पहाड़
रीतिमा उजड़ी
खुश्क हैं ताल
धूप की मनमानी
अल्पित हुई रात ।
12
नैन निगोड़े
माने कब कहना
नन्हा -सा -हास
उलझा नेह -पाश
बना जीवन फाँस ।
13
मैत्री की छाया
शीतल करे काया
हरा हो मन
हर लेती पीड़ाएँ
मिटाकर चुभन।
-0-

10 टिप्‍पणियां:

Manju Gupta ने कहा…

मैत्री की छाया शीतल करे काया हरा हो मन हर लेती पीड़ाएँ मिटाकर चुभन। -0-vishesh lgaa

sundar rachanaa .
हार्दिक बधाई ..

सविता अग्रवाल 'सवि' ने कहा…

सभी तांका एक से बढ़ कर एक हैं कृष्णा जी हार्दिक बधाई |

ज्योति-कलश ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुन्दर हैं !

'लौटूंगा मैं भी' , 'भोले सपने' , 'नैन निगोड़े' और 'मैत्री की छाया' ..बहुत प्यारे !!

हार्दिक बधाई आपको !

Pushpa mehra ने कहा…

sanjh dhalate,basere yaad aayen......,lauTunga main bhi....., maitri ki chhaya ....,
bahut hi sunder bhav hain. krishna ji badhai .
pushpa mehra.

Anita Manda ने कहा…

सभी ताँका बहुत सुन्दर हैं !3
लौटूँगा मैं भी
लौट आते ज्यों मेघ
भर के प्यार
निष्फल नहीं होगा
तुम्हारा इंतज़ार। बहुत ज्यादा अच्छा

kashmiri lal chawla ने कहा…

सभी सुंदर रचनाएँ

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

सभी ताँका बहुत-बहुत सुंदर !
कातर मन..., लौटेगी खुशी..., भोले सपने..., नैन निगोड़े... बहुत ही प्यारे ...
हार्दिक बधाई कृष्णा दीदी !

~सादर
अनिता ललित

renuchandra ने कहा…

सभी तांका बहुत सुन्दर। बधाई ।

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

चले जो हवा
बतियाते हैं पात
हँसी-ठिठोली
दे-दे के ताली कहें
इक-दूजे की बात ।

bahut payara hai ye tanka bahut bahut badhai...

Shashi Padha ने कहा…

बहुत अच्छे तांका कृष्णा जी,बधाई |