सोमवार, 16 फ़रवरी 2015

किरचों की ज़मीन



सुनीता अग्रवाल
1
रखना पग
मेरे मन -प्रांगण
थोड़ा सम्हल
किरचों की ज़मीन
कर दे न घायल .

5 टिप्‍पणियां:

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

meri rachna ko sthan de kar utsah badhane ke liye sampadway ka haardik aabhar :)

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर तांका......बधाई!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत भावपूर्ण ताँका... दिल को छू गया।

~सादर
अनिता ललित

Jyotsana pradeep ने कहा…

behad bhaavpurn v sunder taanka ..badhai

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

बहुत प्यारा तांका...हार्दिक बधाई...|