बुधवार, 31 दिसंबर 2014

नया सवेरा लाए



1-ताँका
डॉ ज्योत्स्ना शर्मा
1
नया सूरज
नया सवेरा लाए
मन मुस्काए
ख़ुशियों की रागनी
ये मन-वीणा गाए ।
2
उषा मोहिनी
नभ पथ चली ,ले
सोने सी काया
पीछे प्रीत पाहुन
दिवस मुग्ध ,आया ।
3
भोर है द्वार
गाते पंछी करते
मंगलाचार ।
पवन भी मगन
प्रेम वर्षे अपार ।
4
झीनी चादर
सिहरा सा सूरज
ढूँढे अलाव।
क्यों हुआ हाल ऐसा
बड़ा खाता था ताव !
5
ठिठुरी धूप
ढूँढे है ,कहाँ गया ?
सूरज भूप ।
भोर ले के आ गई
क्यों ये ठंडा-सा सूप ?
6
तुहिन पुष्प
अम्बर बरसाए
धरा लजाए ।
नवोढ़ा , सिमटी -सी,
ज्यों छुपी -छुपी जाए ।
-0-
2-सेदोका
शशि पाधा
   1
अभिनंदन
नव वर्ष विहान 
रचो ऐसा विधान
हो जगत में
सुख शान्ति वंदन
समभाव गुंथन ।
2
दिशाएँ छेड़ें
शुभ मंगल गीत
मधुमय संगीत
धरती गाए
नेह प्रीत के राग
बिखरे अनुराग ।
-0-

6 टिप्‍पणियां:

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Bahut Khub likha bahut bahut badhai...

Krishna ने कहा…

बहुत सुन्दर ताँका और सेदोका....ज्योत्स्ना जी, शशि जी....बधाई!

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत सुन्दर सेदोका शशि दीदी ! बधाई !!
समस्त त्रिवेणी परिवार को नए वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएँ !!!

सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

Jyotsana pradeep ने कहा…

sheet v nav varsh ki bahut hi sunder rachnaye...ashavadita tatha nav utsaah ka sandes deti..jyotsna ji ,shashi ji ko nav varsh ki shubhkaamnao ke saath-saath badhai.

Jyotsana pradeep ने कहा…

sheet v nav varsh ki bahut hi sunder rachnaye...ashavadita tatha nav utsaah ka sandes deti..jyotsna ji ,shashi ji ko nav varsh ki shubhkaamnao ke saath-saath badhai.

ज्योति-कलश ने कहा…

hruday se aabhaar Bhawna ji , Krishna ji evam jyotsana pradeep ji

saadar
jyotsna sharma