शनिवार, 15 मार्च 2014

इन्द्रधनुषी रंग


डॉ भावना कुँअर
1
होली जो आए
पिया से दूर फिर
कोई रंग न भाए,
अकेला देख
शैतान पिचकारी
उदासी बरसाए। 
2
लेकर आई
इन्द्रधनुषी रंग
ये हुडदंगी होली,
पिया न पास
फिर भी न जाने क्यूँ
खटखटाए द्वार।
-0-



8 टिप्‍पणियां:

Pushpa mehra ने कहा…

holi jo aye, piya sedoor phir , koi rang na bhaye....... bahut hi manovedana jagane vala bhav hai.bhav rangon ka uphar dete hue
apako badhai va holi ki shubhkamnaen.
pushpa mehra.

Krishna ने कहा…

अति सुन्दर सेदोका....भावना जी होली की बहुत शुभकामनाएं !

Jyotsana pradeep ने कहा…

bhawnaji indrdhanushi rang liye bahut sunder rachnaye......holi bahut shubh ho aapko

ज्योति-कलश ने कहा…

मन को छू गए सेदोका ..बहुत बधाई भावना जी ,,,हार्दिक शुभ कामनाएँ !!

सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

Dr.Bhawna Kunwar ने कहा…

Aap sabhi ka Khub sneh mila mere dil ki aavaz ko meri holi to Khub khil gayi bahut bahut aabhar is sneh ke liye...holi ki anekonek shubhkamnayen aap sabhi ko ...

Shashi Padha ने कहा…

विरह राग की तान है आपके यह सेदोका | होली की शुभकामनाएं |

शशि पाधा

Shashi Padha ने कहा…

विरह राग की तान हैं आपके यह दोनों सेदोका | बधाई
शशि पाधा

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

होली जो आए
पिया से दूर फिर
कोई रंग न भाए,
अकेला देख
शैतान पिचकारी
उदासी बरसाए।
होली जैसे त्यौहार पर जब प्रिय पास न हो तो रंग भी यूँ ही उदासी बरसाते हैं...|
मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ...बधाई...|