मंगलवार, 23 जुलाई 2013

सावन क्या आया

माहिया
1-कृष्णा वर्मा
1
झम-झम बादल बरसा
सूने हैं नैना
मन रह-रह कर  तरसा ।
2
लो सावन क्या आया
नदिया झूम उठी
फिर से यौवन छाया।
-0-
2-डॉ सरस्वती माथुर 
1
मन मेरा सावन  है ।
हम तुम साथ रहें
मौसम  मनभावन  है ।  
-0-
सेदोका
अरुण कुमार रुहेला 
1
इन्द्रधनुष 
हर नभ -मन में 
भरे रंग संगीत ,
जीवन नाचे  
गाती मधुर गीत  
पानी की हर बूँद 
2
बादल प्यासा 
रुका मरुभूमि में 
पाने जीवन-जल, 
था दृष्टिभ्रम 
जलद खूब रोया
और बाँटा जीवन 
-0-



8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…


बहुत सुन्दर प्रस्तुति है
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

Subhash Chandra Lakhera ने कहा…

सभी माहिया और सेदोका सामयिक और मनभावन हैं। कृष्णा जी, डॉ सरस्वती जी और अरुण जी , आप सभी को सावन की शुभकामनाएं !

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

वाकई सावन आ गया....

Pushpa mehra ने कहा…

Krishna ji, Saraswati ji, Arun ji sawan ki fuharon se aap teeno ke
maahiyaa aur sedoka bheege hue hain. Badhai.

Pushpa mehra

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

sundar rachnaye :)

sushila ने कहा…

सुन्दर माहिया हैं। सभी रचनाकारों को बधाई !

ज्योति-कलश ने कहा…

सुन्दर ,सरस प्रस्तुति ...सभी रचनाकारों को बहुत बधाई !!

सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

Manju Gupta ने कहा…

मनभावन सावन की सौगात की सुंदर प्रस्तुतियाँ .

बधाई