सोमवार, 24 जून 2013

छूना मन

1-माहिया
डॉ सरस्वती माथुर
1
हौले से छूना मन
यादों में तेरी
सूना मेरा आँगन l
2-ताँका
राजीव नामदेव'राना लिधौरी’
1

बढ़ती आशा,
पढ़ली जिसने भी,
आँखों की भाषा,
अन्तर्मन में जन्मी
फिर ये अभिलाषा।। 
2
प्रेम की कड़ी,
विश्वास से जोड़िए,
सत्य खोजिए,
मन की शांति मिले,
कड़ी मत तोड़िए ।
-0-

1 टिप्पणी:

ज्योति-कलश ने कहा…

हौले से छूना मन
यादों में तेरी
सूना मेरा आँगन ...सुन्दर माहिया !!

प्रेम की कड़ी,
विश्वास से जोड़िए,
सत्य खोजिए,
मन की शांति मिले,
कड़ी मत तोड़िए ।.....उत्कृष्ट भावाभिव्यक्ति ...बहुत बधाई !

ज्योत्स्ना शर्मा