बुधवार, 19 जून 2013

तुझ पर ही वारेंगे

रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
1
जो सीधी राह चले
मौका मिलते ही
तुमने वो मीत छले ।
2
हरदम रोना-धोना
माटी कर डाला
जीवन का सब सोना ।
3
माना हम हारेंगे
जो भी साँस मिली
तुझ पर ही वारेंगे ।
4
ये प्राण नहीं लेते
विषधर तुम कैसे ?
मरने भी ना देते ।
5
सपने हैं , टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।
6
हर पल अनुताप सहे
बीते दिन सारे
बन करके साँप रहे ।
7
तुमसे यह आस रही
बोल सुधा- जैसे
इतनी भर प्यास रही ।
8
ईश्वर तो मिल जाए
सच्चा प्यार करे
वह मीत न मिल पाए ।
9
सत्ता में चूर रहे
जनता  से नेता
ये  कोसों दूर रहे ।
10
घर ना कोई छूटा
धरती से लेकर
पाताल तलक लूटा ।
11
निर्धन बेहाल हुए
जनहित का धोखा-
दे मालामाल हुए  ।
-0-




13 टिप्‍पणियां:

ज्योति-कलश ने कहा…

सपने हैं , टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।...जीवन का कटु सत्य ....

विविध विषयों को अपने में समेटे बहुत सरस ,सुन्दर ,प्रभावी माहिया ...
बहुत बधाई भाई जी
सादर
ज्योत्स्ना शर्मा

प्रियंका गुप्ता ने कहा…

हरदम रोना-धोना
माटी कर डाला
जीवन का सब सोना ।
बहुत बढ़िया, प्रेरक...|

सपने हैं , टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।
जीवन का कैसा कठोर सत्य बयान किया है...|

ईश्वर तो मिल जाए
सच्चा प्यार करे
वह मीत न मिल पाए ।
बहुत सुन्दर...|

सभी माहिया बहुत पसंद आए...बधाई...|

प्रियंका

सुनीता अग्रवाल "नेह" ने कहा…

behtreen rachnaye ...:)

मंजुल भटनागर ने कहा…

कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।बहुत सार्थक , सरस अभिव्यक्ति .मंजुल

Krishna ने कहा…

सपने हैं , टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।
जीवन का अप्रिय सत्य!
सभी माहिया बहुत बढ़िया हैं...बधाई।

Anupama Tripathi ने कहा…

जीवन की पीड़ा कहते ...
बहुत भावपूर्ण और सुन्दर महिया ...!!

Dr.Anita Kapoor ने कहा…

सपने हैं,टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे ।

सुन्दर,प्रभावी माहिया ...
बहुत बधाई भाई साहब

Pushpa mehra ने कहा…

sapane hain, tootenge ....,
Ishwar to mil jaaye ....,
satta mein choor rahe ...,
ghar na koi choota ...,
tum se yeh aas rahi ...,
nirdhan behaal hue. . .

sare mahiya jeevan-jagat ki styata ko darshate hain
kamboj bhaiji main prashnsa ke upyukt shabd dhoond rahi hoon

pushpa.mehra

Manju Gupta ने कहा…


दिल को छु गए सारे मनोरम माहिया , लेकिन मुझे यह विशेष लगा -

ईश्वर तो मिल जाए
सच्चा प्यार करे
वह मीत न मिल पाए ।

Manju Mishra ने कहा…

जो सीधी राह चले
मौका मिलते ही
तुमने वो मीत छले

सीधी राह चलने वाले ही तो छले जाते हैं ....

सपने हैं,टूटेंगे
कोई और नहीं
अपने ही लूटेंगे

और ये भी सही है की अक्सर सपने तोड़ने का श्रेय उन्हें ही जाता है जो बहुत करीब होते हैं, वो कहते हैं न विश्वासघात वहीँ होता है जहाँ विश्वास होता है….

दिल से निकली और दिल तक पहुँचती हुयी बात ....

वैसे आदरणीय रामेश्वर जी के विषय में कुछ कहना तो मानो सूरज को प्रकाश दिखाना .... उनकी लेखनी को तो हम सब प्रणाम करते हैं, हम उनसे सीखते हैं ... बस यह सिलसिला यूँ ही चलता रहे .... यही कामना है .

सादर
मंजु

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

जीवन, समाज और शाश्वत सत्य सभी पर सहज भाव से तीक्ष्ण दृष्टि... सभी माहिया बस कमाल है. काम्बोज भाई को बहुत बहुत बधाई.

Rachana ने कहा…

माना हम हारेंगे
जो भी साँस मिली
तुझ पर ही वारेंगे ।
bhaiya itne gahre bhav hain ki kya kahen
saader
rachana

त्रिवेणी ने कहा…

डॉ अमिता कौण्डल की टिप्पणी नीचे दी जा रही है-
भाईसाहब आप जब भी लिखते हो जीवन की सच्चाई को शब्दों में पिरो देतो हो एक से बढ़ कर एक माहिया है.
ईश्वर तो मिल जाए
सच्चा प्यार करे
वह मीत न मिल पाए ।
क्या खूब कहा है.
सादर,
अमिता कौण्डल