सोमवार, 25 मार्च 2013

जीवन के विविध रंग



सेदोका
वन्दना परगनिहा
1-शशि पुरवार
1
हवा  उडाती
अमराई की जुल्फे
टेसू हुए आवारा
हिय का पंछी 
उड़ने को बेताब
रंगों का माँ प्यारा
2
 
डोले मनवा
 
ये  पागल जियरा
 
गीत गाये बसंती
 
हर डाली  पे
खिल गए पलाश
भीगी तु -सुगंध
3
झूमे बगिया
दहके है  पलाश
भौरों को ललचा
कोयल कूके
कुंज गलियन में
पाहुन क्यूँ ए । .

4
झूम रहे है
हर गुलशन में
नए नवेले फूल
हँस रही है
डोलती पुरवाई
रंगों की उड़े धूल  .
5
लचकी डाल
यह कैसा  कमाल
मधुऋतु है आई
 
सुर्ख पलाश
मदमाए फागुन
कैरी खूब मुस्काई ।
-0-
2-डॉ सरस्वती माथुर
 1
प्रेम छंद के
पिरो करके गीत
घर आँगन गूजा
मधुर राग
सज़ धज के आया
प्रिय, देखो न फाग l
2
सपनो -भरी
रंगों की दुनिया है
गूंजे होली के राग
प्रेम के संग
आओ भी प्रियतम
खेलें हम भी फाग  ।
3
होली है आई
शीतल मधुमय सी
प्रेम रंग सजो
तन रंग लो
फागुन की बेला है
मन को भी रंग लो
4
भीगा सा मन
फागुनी संबोधन
आशाओं के गुलाल
बिखरे रंग
इन्द्रधनुषी फाग
 मधुरिम से राग
 -0-

ताँका
1-रेनु चन्द्रा
1
मैं ना खेलूं
द्वेष रंग से होली
प्रेम रंग से
गुलाबी हुआ मन
फाग रँगा रसिया।
2
मन चाहता
चंग बजा होली का
कोई तो आए
प्यार भरे भावों से
आँचल रंग जाए।
-0-

5 टिप्‍पणियां:

shashi purwar ने कहा…

namaste kamboj ji , sabhi rachnakaro ko holi ki hardik shubhkamnaye
sabhi rachnaye basanti mahak liye huye hai .

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

Anupama Tripathi ने कहा…

होलीमय ....बसंतमय ...सभी सुन्दर रचनाएँ ....शुभकामनायें ...

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

बहुत खूबसूरत भाव लिए सेदोका और तांका ...
बधाई सभी रचनाकारों को !
~सादर!!!

ज्योति-कलश ने कहा…

jeevan ke vividh rang saheje bahut madhur rachanaayen ...bahut badhaaii sabhi ko !!
saadar
jyotsnaa sharma