रविवार, 11 नवंबर 2012

सबके द्वार ज्योति जगमगाई ।


दीपावली के परम पावन अवसर पर सभी रचनाकारों और सहृदय पाठकों को हमारी बधाई !
डॉ हरदीप कौर सन्धु और रामेश्वर काम्बोज  'हिमांशु'

1-अनिता ललित 
1
देखो मुस्काई,
दीयों की झिलमिल
स्याह रात में
नेह जगमगाता
उमंग की धार में !
2
दीपावली में,
रंगोली में खिलती
रंगों की  हँसी
सजी खिलखिलाती
अनूठी कलाकारी !
3
रहे ये ध्यान-
जलाएँ फुलझड़ी  ,
पटाखे सभी
वातावरण -रक्षा
भी दायित्व हमारा !
4
हर त्योहार,
लाए सुख अपार
सबके द्वार
क्यों न बाँटें वो हँसी 
करें दुगनी खुशी !
5
करें मदद
ज़रूरतमंदों की
स्नेह -दीप्ति से
हो जीवन रौशन 
हो सार्थक ये पर्व !
6
लक्ष्मी -गणेश
विराजे सिंहासन 
सजी देहरी
महकता आँगन
पुलकित है मन ! 
7
पूजा -कुंकुम
आरती वंदन से
घर पावन
धूप बाती महके
गूँजे मंत्रोच्चारण..!
-0-
2- ऋता शेखर 'मधु'
1
निष्कंप थी लौ
दृढ़ विश्वास संग
कुछ यूँ जली
आँधियों की कोशिश
नाकाम कर गई।
2.
सृष्टि-नियम
दिन के संग-संग
रात भी आती
दिए जलाके रखो
लौ को बचाके रखो।
3
फुलझड़ियाँ
पटाखों से यूँ बोलीं-
'करो न बोर
मैं तो राह दिखाती
तू करता है शोर।'
4
धरा-बाला ने
पहनी दीप-माला
इठला गई
मन्द समीर संग
हौले-हौले वो डोली।
5.
खुशी के फूल
हर बाग में खिलें
द्भाव की लौ
हर दिए में जले
देश रौशन रहे।
-0-
3-मंजु गुप्ता
1
दीवाली पर 
उद्वेलित हो रही
शुभकामना 
उल्लास की बाती से 
ज्योति जगमगाई
2
आँगन - द्वारे 
मुडेरों - चौराहों पे
घर - अटारी 
शोभित कोटि दीप 
मन कालिमा धोते
-0-
4-रेनु चन्द्रा
1
दिवाली -रात
दीपक और बाती
करते रहे
घुल मिलके
बातें
जैसे स्वप्निल रातें ।
 2
दिवा
ली तुम
मेरे सूने मन में
रंग भरती
नैनों में दीप जला
हर्षित करती
 हो ।

-0-
डॉ श्याम सुन्दर ‘दीप्ति’
1
दीपक है तो
संकल्प कर फिर
बिना भेद के
हर आँगन में तू
रौशनी फैलाएगा !
--
-0-

1 टिप्पणी:

Rajesh Kumari ने कहा…

आपको दिवाली की शुभकामनाएं । आपकी इस खूबसूरत प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 13/11/12 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आप का हार्दिक स्वागत है