बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

स्पर्श जो मिला


1-डॉ हरदीप कौर सन्धु
आपका हाथ
छू गया मेरा माथ
स्पर्श जो मिला
ऐसा लगा मुझको
मन-कमल खिला।
2-रचना श्रीवास्तव
तुम  सूरज
हम छोटा -सा दिया
सो जाओ जब ,
हम जागेंगे तब
रौशन करें जग ।

1 टिप्पणी:

RITU BANSAL ने कहा…

सुन्दर !!!
kalamdaan.blogspot.in